आगे हमें इसी साइड में नदी के किनारे किनारे चलना है
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८ ०. और ११ ४ तथा अध्याय ५५-४४) इसके अनुसार यात्री मणिकर्णिका घाट से गंगा के किनारे किनारे चलना आरम्भ करके अस्सी घाट के पास मणिकर्णिका से ६ मील दूर खाण्डव (कंदवा) नामक गांव में रुकता है, वहा से दूसरे दिन धूपचन्डी के लिये जिसकी दूरी १ ० मील है, प्रस्थान करता है, वहां धूपचन्डी का मन्दिर है.
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जहाँ चलने को कहता हम लोग साथ चलते … बीतते समय के साथ उसे भी गंगा का किनारा और गंगा उस पार का क्षेत्र प्यारा लगने लगा … उसने बेमतलब हम लोगों को बहुत घुमाया है गंगा किनारे … दारागंज से किनारे किनारे चलना शुरु करता तो सलोरी पहुँच जाता … और कभी कभी झूँसी के समुन्द्रकूप और उल्टा किला दिखाने के चक्कर में एच आर आई पहुँच जाता …